माया को चाहने वाला
बिखर जाता है,
और shanidev
को चाहने वाला निखर जाता है ।
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माया को चाहने वाला
बिखर जाता है,
और shanidev
को चाहने वाला निखर जाता है ।
दिखावे की मोहब्बत
से दूर रहता हूँ,
इसलिये मैं shanidev
के नशे में चूर रहता हूँ ।
दौलत छोड़ी, दुनिया छोड़ी,
सारा खजाना छोड़ दिया,
shanidev के प्यार में दिवानों ने
राज घराना छोड़ दिया ।
जिनको श्रीराम का वरदान है
गदा धारी जिनकी शान है
बजरंगी जिनकी पहचान है
संकट मोचन वो हनुमान है