लड़े वो वीर जवानों की तरह
ठंडा खून भी फ़ौलाद हुआ
मरते-मरते भी कई मार गिराए
तभी तो देश आजाद हुआ
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लड़े वो वीर जवानों की तरह
ठंडा खून भी फ़ौलाद हुआ
मरते-मरते भी कई मार गिराए
तभी तो देश आजाद हुआ
मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूँ
जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूँ
जय हिन्द जय भारत
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ भुला नहीं सकते
सर कटा सकते है लकिन सर झुका नहीं सकते
जय हिन्द जय भारत