दो शब्द तसल्ली के नहीं मिलते इस शहर में,
लोग दिल में भी दिमाग लिए फिरते हैं।
अपनी हार पर इतना शकून था मुझे,
जब उसने गले लगाया जीतने के बाद।

इतना कहाँ मशरूफ हो गए हो तुम
आजकल दिल दुखाने भी नहीं आते।
जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
“राज तो हमारा हर जगह पे है।
पसंद करने वालों के “दिल” में
और नापसंद करने वालों के “दिमाग” में।”
“जिन्दगी जीते है हम शान से,
तभी तो दुश्मन जलते है हमारे नाम से”

तेरी मोहब्बत और मेरी फितरत में फर्क सिर्फ इतना है,
कि तेरा ऐटीट्यूड नहीं जाता और मुझे झुकना नहीं आता।
में लड़की हु पगले मुझसे प्यार करो,
कोई अलार्म क्लोक नहीं हु
जो सेट् हो जाऊंगी ।
अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल, अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल,
अब किसी दिलासे की जरूरत नही है, क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल।
बंद कर देना खुली आँखों को मेरी आ के तुम,
अक्स तेरा देख कर कह दे न कोई बेवफा।
मेरे कलम से लफ्ज खो गए सायद
आज वो भी बेवफा हो गाए सायद
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए सायद
हम आज भी अपने हुनर मे दम रखते है,
छा जाते हैं रंग, जब हम महफिल मे कदम रखते है
संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जिस-जिस पर ये जग हँसा है,
उसीने इतिहास रचा है