जाने कैसी नजर लगी ज़माने की ,
अब वजह मिलती नही मुस्कुराने की.
Janae Kaesi Nazar Lagi Zamane Ki,
Ab Wazah Milati Nahi Muskurane Ki.
जाने कैसी नजर लगी ज़माने की
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जाने कैसी नजर लगी ज़माने की ,
अब वजह मिलती नही मुस्कुराने की.
Janae Kaesi Nazar Lagi Zamane Ki,
Ab Wazah Milati Nahi Muskurane Ki.
“ढूँढती हैं निग़ाहें बस उसी ‘चेहरे’ को,
याद में जिसकी सुबह हो जाती है..!”
“मुझ से मेरा दिल और मेरी जान ले,
बदले में हमें माफ़ी दे दे।”
“हो सकता है तो
लौट आना किसी बहाने से,
कोई बहुत उदास है तेरे जाने से।”
हम उनसे तो लड़ लेंगे जो खुले आम
दुश्मनी करते हैं…लेकिन उनका क्या
करे जो लोग मुस्कुरा के दर्द देते हैं…
हमें भी शौक था दरिया-ऐ-इश्क में तैरने का,
एक शख्स ने ऐसा डुबाया कि अभी
तक किनारा न मिला।
अगर “बेवफाओं” की अलग ही दुनिया होती,
तो मेरी वाली वहाँ की “रानी” होती..!!
आज रास्ते में कुछ प्यार भरे पन्ने
टुकड़ो में मिले,शायद फिर किसी गरीब की
मोहब्बत का तमाशा हो गया!!
हम तेरे प्यार में कुछ ऐसा काम कर जायँगे…
लोग देखेंगे तुझे और याद हम आएंगे…!!
कितना भी खुश रहने की कोशिश कर लो,
जब कोई याद आता है तो बहुत रुलाता है